"महाभारत: भारतीय साहित्य का अमूल्य रत्न और जीवन के अनगिनत सिद्धांतों का आधार"

 महाभारत, भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो समृद्धि, युद्ध, धर्म, और मानवीय जीवन के विभिन्न पहलुओं को समाहित करता है। इसे महर्षि वेदव्यास ने लिखा है और यह महाकाव्य सांस्कृतिक और धार्मिक आदर्शों का परिचय कराता है।


महाभारत का काल त्रेतायुग के बाद द्वापर युग में हुआ था और इसकी कहानी महाभारत क्षेत्र (बद्राकाश्रम) में हुई युद्ध के आस-पास है। ग्रंथ में पांडवों और कौरवों के बीच हुए महाभारत युद्ध की घटनाएं, उनके जीवन के उदाहरण, और उनके साथ जुड़े धार्मिक उपदेशों का वर्णन है।


पांडवों के पाँच भाईयों और कौरवों के सभी बंधुओं के बीच हुई अधर्मिकता और अन्याय का संघर्ष महाभारत का केंद्रीय तथ्य है। भीष्मपितामह, द्रोणाचार्य, और कर्ण जैसे महान चरित्रों के माध्यम से ग्रंथ मनुष्यता की महत्वपूर्ण शिक्षाएं प्रदान करता है।


भगवद गीता, महाभारत का एक अद्वितीय भाग है, जो भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को युद्ध के धर्म और जीवन के मार्ग पर प्रेरित करने के लिए दिया गया उपदेश है। यह ग्रंथ सनातन धर्म के अद्वितीय स्मृति माना जाता है।


महाभारत के अंत में धृतराष्ट्र, गांधारी, भीष्म, द्रोपदी, और युधिष्ठिर के बीच हुई शान्ति प्रक्रिया और अर्जुन के द्वारा विश्वविजय का विवरण होता है।


महाभारत न केवल एक इतिहासिक ग्रंथ है, बल्कि यह जीवन के मूल्यों, नैतिकता की महत्वपूर्ण बातें, और धर्म के सिद्धांतों का सार है। यह भारतीय साहित्य और सांस्कृतिक विरासत का अभिवादन है जो आज भी मानव समाज में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

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